EEAT क्या है? ये SEO के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है, तो उसकी यह जिम्मेदारी है कि उसके द्वारा लाया गया रिजल्ट टॉप क्वालिटी हो. इसी कंटेंट की क्वालिटी को जांचने के लिए उसने E-E-A-T नामक एक पैमाना लाया है. तो आइए विस्तार से जानते हैं कि EEAT क्या है?
2019 में Google ने “गूगल कैसे गलत सूचना से लड़ता है” नामक शीर्षक से एक वाइट पेपर पब्लिश किया था. इसमें उन्होंने यह बताया था कि:
“हम पर हमारे उपयोगकर्ताओं (users) और समाज के प्रति एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. जिसके अंतर्गत हम अपने प्लेटफार्म पर झूठी जानकारी फैलाने वालों के प्रयासों पर अंकुश (रोक) लगाने का कोशिश करते हैं.”
इस पोस्ट में हम लोग ई-ई-ए-टी को आसान भाषा में समझने का प्रयास करेंगे एवं अंत में इससे संबंधित महत्वपूर्ण सवालों का जवाब भी जानेंगे. तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें.
EEAT Kya Hai
EEAT गूगल द्वारा लाया गया पैमाना है, जिसके जरिए वे सर्च इंजन रिजल्ट पेज (SERP) पर मौजूद कंटेंट, उसके लेखक और फिर पूरी उस वेबसाइट की क्वालिटी जांचते हैं एवं उस हिसाब से उसे प्राथमिकता देते हैं.
EEAT का फुल फॉर्म Experience, Expertise, Authoritativeness और Trustworthiness है.
पहले यह सिर्फ EAT ही था जो लगभग 2014 से ही है, परंतु उस समय इसपर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं था. फिर 1 अगस्त 2018 को गूगल का एक कोर एल्गोरिथम अपडेट आया जिससे बहुत सी वेबसाइट का ट्रैफिक डाउन हो गया था.
इस हलचल ने लगभग सभी SEOs का ध्यान अपनी तरफ खींचा. विश्लेषण करने पर पता चला कि इस अपडेट में ज्यादातर ऐसी वेबसाइट को टारगेट किया है जो बिना किसी अथॉरिटी के मेडिकल कंटेंट पब्लिश किया करते थे. जिसके बाद से इसे “मेडिक अपडेट” के नाम से भी जाना जाता है.
फिर उसके 4 साल बाद 15 अगस्त 2022 को गूगल ने इसमें एक अतिरिक्त E को जोड़कर इसे EEAT बना दिया. इसके बारे में गूगल ने अपने सर्च क्वालिटी इवालुएटर गाइडलाइन में विस्तृत जानकारी दी है.
E-E-A-T के प्रत्येक अक्षर की व्याख्या इन चारों अक्षर से चार शब्द बनते हैं: Experience, Expertise, Authoritativeness और Trustworthiness.
वैसे देखने में तो ये चारों शब्द एक जैसे लगते है, परंतु मतलब में इनके बीच बहुत फर्क है.
अनुभव (Experience)
मान लीजिए कि आपको फलों का जूस बनाने के लिए जूसर खरीदना है, आपने इसके लिए गूगल पर सर्च किया तो आपके सामने दो रिजल्ट आया.
पहला जिसमें लेखक ये दावा कर रहा हो कि उसने इस पोस्ट में बताए गए सभी जूसर का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा वो इन जूसर का इस्तेमाल करते हुए अपनी कुछ ओरिजिनल फोटो, वीडियो आदि भी उस पोस्ट में शेयर किया हो.
वहीं दूसरे रिजल्ट में कोई लेखक अमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्म से जानकारी उठाकर अपने शब्दों में लिख दे. फोटो भी वहीं का हो तो वैसे मैं आप इन दोनों रिजल्ट में से किस पर ज्यादा विश्वास करेंगे. जाहिर सी बात है पहले वाले पर. गूगल भी ऐसे ही कंटेंट को ज्यादा महत्व देता है.
अपने अनुभव को दर्शाने के लिए आप उस प्रोडक्ट की अच्छाई और बुराई (अगर आप प्रोडक्ट रिव्यू कर रहे हैं) तो बता सकते हैं. उसके साथ अपना अनुभव साझा कर सकते हैं और संभव हो तो उस प्रोडक्ट के साथ अपनी कुछ फोटो और वीडियो भी अपने पोस्ट में लगाएं.
विशेषज्ञता (Expertise)
जैसा कि हमने पीछे बात किया है कि 2018 में मेडिक अपडेट आने से मेडिकल जानकारी देने वाली बहुत सी वेबसाइट डाउन हो गई थी.
पर वह क्यों हुई?
उस समय बहुत सारी वेबसाइट बिना कोई विशेषज्ञता के अपने साधारण लेखक से या खुद से मेडिकल सलाह, बीमारी का इलाज, दवा की जानकारी, आदि बता देते थे. जो सर्च करने वाले व्यक्ति के लिए नुकसानदायक हो सकता था.
परंतु ये सिर्फ मेडिकल कंटेंट के साथ खास नहीं है. इसके साथ वित्त (finance) भी आता है. इन दोनों को गूगल YMYL (Your Money or Your Life) टॉपिक कहता है.
इसलिए अगर आप सेहत या चिकित्सा संबंधित टॉपिक पर काम कर रहे हैं तो आपके एडिटोरियल टीम में डॉक्टर या हेल्थ केयर प्रोफेशनल जरूर होना चाहिए. इसी तरह फाइनेंस विषय के लिए सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर हो तो ज्यादा अच्छा है.
मेडिकल और फाइनेंस के अलावा जो टॉपिक है जैसे ट्रैवल, फाइनेंस, फैशन, एंटरटेनमेंट, आदि. इन सबके लिए आपका उस विषय में डिग्री या सर्टिफिकेट किया होना उतना आवश्यक नहीं है. इसमें आपका एक्सपीरियंस ही एक्सपर्टीज का भी काम करेगा.
विशेषज्ञता दर्शाने के लिए आप ऑथर बॉक्स में इसका जिक्र कर सकते हैं. जैसे डॉक्टर अहमद अली ने एम्स दिल्ली से एमबीबीएस किया है, हर्ष अग्रवाल पिछले 15 सालों से ब्लॉगिंग कर रहे हैं, आदि.
आधिकारिकता (Authoritativeness)
यह विशेषज्ञता से एक कदम आगे की बात है. हो सकता है कि आपके पास अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता तो हो परंतु आपको कोई नहीं जानता हो.
आप अपने आसपास ही देख लीजिए बहुत से डॉक्टर होंगे, सभी के पास डिग्री होगी. पर उसमें कुछ ही इतना प्रसिद्ध होंगे कि उनकी क्लिनिक पर मरीजों की भीड़ लगी होगी. तो वहीं कई डॉक्टर को बहुत से लोग जानते ही नहीं होंगे.
तो यहां अधिकारिकता (Authoritativeness) का मतलब है, जाने-माने विशेषज्ञ (expert). जैसे ब्लॉगिंग में अभी हर्ष अग्रवाल, पवन अग्रवाल, उमेर कुरैशी, आदि है.
लेखक के अलावा ब्लॉग या वेबसाइट की भी आधिकारिकता होती है. कुछ वेबसाइट अपने क्षेत्र में बहुत प्रसिद्ध होते है तो बहुत सी नहीं. जैसे SEO की जानकारी के लिए आमतौर पर लोग Search Engine Journal, Backlinko, आदि की तरफ ही देखते हैं.
एक लेखक के तौर पर आधिकारिकता साबित करने के लिए आप खुद पॉडकास्ट कर सकते हैं या किसी दूसरे के पॉडकास्ट में जा सकते हैं, न्यूज़ चैनल के डिबेट में एक्सपर्ट पैनल में शामिल हो सकते हैं, अपने क्षेत्र से संबंधित किसी विवादित मुद्दे पर अपनी राय रख सकते हैं एवं प्रसिद्ध समाचार पत्र में आर्टिकल पब्लिश कर सकते हैं.
तो वहीं अपने ब्लॉग या वेबसाइट की आधिकारिकता साबित करने के लिए ये जरूरी है कि आपके क्षेत्र में मौजूद प्रसिद्ध वेबसाइट, मैगजीन, न्यूज वेबसाइट, आदि से आपको बैकलिंक मिले या कम से कम आपके वेबसाइट का नाम वहां जिक्र (mention) हो.
जो लोग ई-कॉमर्स वेबसाइट चलाते हैं उनको आधिकारिकता साबित करने के लिए अपने ग्राहक (customer) से अच्छे रेटिंग और रिव्यूज लेना भी बहुत जरूरी है.
विश्वसनीयता (Trustworthiness)
गूगल के गाइडलाइन के अनुसार ये E-E-A-T में विश्वसनीयता सबसे महत्वपूर्ण चीज है. उनका कहना है कि:
“विश्वास (Trust) ई-ई-ए-टी परिवार का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य है क्योंकि अविश्वसनीय पेजों में ई-ई-ए-टी कम होता है, चाहे भी कितने भी अनुभवी (experienced), विशेषज्ञ (expert), या आधिकारिक (authoritative) लगे.”
अगर कोई भी अपने वेबसाइट पर गलत जानकारी देता है, ग्राहक के प्राइवेसी का ध्यान नहीं रखता है, संपर्क करने के लिए अपना कोई ईमेल आईडी और/ या ऑफिस का पता नहीं देता है तो फिर उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है.
अपने वेबसाइट की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए उस पर एक Contact us पेज बनाए और उस पर जरूरी सभी जानकारी जैसे ईमेल ऐड्रेस, कॉन्टैक्ट फॉर्म, नंबर, पता आदि अच्छे से दे दें.
जो ब्लॉगर है उनको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके ब्लॉग से कोई गलत जानकारी ना पब्लिश हो, अगर ब्लॉग पोस्ट लिखने के लिए AI का इस्तेमाल कर रहे हैं तो प्रूफरीड करके अच्छे से फैक्ट चेक कर लें एवं अपने पोस्ट से कुछ विश्वसनीय वेबसाइट को एक्सटर्नल लिंक भी दें.
वहींं ई कॉमर्स वेबसाइट का पर शिपिंग एवं रिफंड पॉलिसी का पेज भी होना चाहिए तथा जो आपका पेमेंट पेज है वह बहुत सुरक्षित होना चाहिए. ग्राहक का विश्वास जीतने के लिए आप यहां ये “All transactions are secure and encrypted.” भी लिख सकते हैं.
क्या ई-ई-ए-टी एक रैंकिंग फैक्टर है?
संक्षिप्त में कहें तो नहीं, E-E-A-T एक रैंकिंग फैक्टर नहीं है.
इसकी जटिलता (complexity) को देखकर इसको रैंकिंग फैक्टर बनाना बहुत मुश्किल है, क्योंकि जब बात EEAT की आती है तो उसके अंतर्गत लेखक का अनुभव, विशेषज्ञता, अधिकारिकता, साइट की विश्वसनीयता सहित और भी बहुत सारी चीजें देखी जाती है.
परंतु इसके रैंकिंग फैक्टर ना होने से इसकी अहमियत का इंकार नहीं किया जा सकता हैं. अगर आप इस पर काम करके इसे बेहतर करते हैं तो अन्य रैंकिंग फैक्टर को अच्छा सिग्नल जाएगा जिससे आपका कंटेंट गूगल के SERP में टॉप पर रैंक कर सकता है.
SEO के लिए E-E-A-T क्यों महत्वपूर्ण है?
ई-ई-ए-टी अन्य कारकों के साथ मिलकर आपके रैंकिंग को प्रभावित कर सकता है. इसलिए ये किसी भी साइट उसमें से भी खासकर मेडिकल और फाइनेंस (YMYL) साइट के एसइओ के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
गूगल के सर्च क्वालिटी रेटर्स जब किसी पेज की क्वालिटी जांचते हैं तो उसमें EEAT एक महत्वपूर्ण घटक होता है. अगर आपके कंटेंट में इसकी कमी पाई गई और आपके प्रतिद्वंद्वी (competitors) की वेबसाइट पर EEAT अच्छा मिला तो आप बहुत सारा ऑर्गेनिक ट्रैफिक को सकते हैं.
इसके अलावा अगर आपका कंटेंट किसी अनुभवी और विशेषज्ञ व्यक्ति ने लिखा हो एवं आपकी वेबसाइट भी विश्वसनीय हो तो लोगों को भी यह बहुत पसंद आएगा.
इसकी वजह से लोग आपके कंटेंट को पूरा पढ़ेंगे, उस पर कमेंट करेंगे, उसे सोशल मीडिया पर शेयर करेंगे एवं जिसे उपयोगी लगा वे आपके इस ब्लॉग पोस्ट को अपने पोस्ट से लिंक (backlink) भी देंगे.
तो यह सभी मिलकर गूगल या अन्य कोई सर्च इंजन के पास पॉजिटिव सिग्नल भेजते हैं. जिसका फल अंततः आपको अच्छी रैंकिंग के रूप में मिल सकता है.
जब EEAT इतना ही महत्वपूर्ण है तो आइए इसे बेहतर करने का कुछ तरीका जान लेते हैं.
अपने ब्लॉग के ई-ई-ए-टी को बेहतर कैसे करें
इन टिप्स को अपनाकर आप अपने ब्लॉग के E-E-A-T को बेहतर कर सकते हैं:
- अपने ब्लॉग पर हाई क्वालिटी कंटेंट पब्लिश करें.
- प्रत्येक ब्लॉग पोस्ट के नीचे ऑथर बॉक्स लगाए. जिसमें लेखक के अनुभव एवं विशेषज्ञता के बारे में बताएं.
- About us पेज पर अपने ब्लॉग के बारे में अच्छे से बताएं एवं अगर वो कोई प्रसिद्ध न्यूज वेबसाइट, मैगजीन, आदि पर फीचर हुआ हो तो उसका भी जिक्र करें.
- रणनीति बनाकर अच्छी क्वालिटी का बैकलिंक बनाएं.
- पुराने ब्लॉग पोस्ट को नई जानकारी के साथ अपडेट करें.
- अपने पोस्ट से विश्वसनीय स्रोत या वेबसाइट को लिंक दें.
- पोस्ट पर अच्छे कमेंट प्राप्त करने के लिए अपने पाठक को उभारें.
विस्तार से पढ़ें > अपने ब्लॉग के EEAT को बेहतर करने के लिए 9 शानदार टिप्स
उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट उपयोगी लगा होगा. अगर इससे संबंधित आपका कोई प्रश्न है तो कमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.
EEAT से संबंधित प्रश्न (FAQs)
गूगल आपके ब्लॉग का ईईएटी कैसे पता करता है?
गूगल इस काम के लिए अपने सर्च क्वालिटी रेटर्स को 176 पेज का एक विस्तृत Search Quality Evaluator Guidelines देता है, जिसके आधार पर ये रेटर्स आपके ब्लॉग का EEAT निर्धारित करता है.
EEAT निर्धारित करते समय लेखक, ब्लॉग पोस्ट और फिर पूरे ब्लॉग की गुणवत्ता देखी जाती है.
गूगल EEAT को इतना महत्व क्यों देता है?
लोगों के सर्च करने पर अगर गूगल कोई ऐसा रिजल्ट ला कर दें जिससे लोगों को फायदा के बजाय नुकसान हो जाए. तो इससे लोगों का गूगल पर से विश्वास उठ जाएगा.
इसलिए गूगल ई-ई-ए-टी के अपने सर्च इंजन रिजल्ट पेज पर ऐसे कंटेंट को प्राथमिकता देना चाहता है जो टॉप क्वालिटी हो और जिससे लोगों को फायदा हो न कि नुकसान.
क्या बिना E-E-A-T के मेरा ब्लॉग पोस्ट रैंक कर सकता है?
हां, बिना EEAT के भी आपका ब्लॉग पोस्ट रैंक कर सकता है. ये ई-ई-ए-टी मुख्यता मेडिकल और फाइनेंस (YMYL) टॉपिक पर बनी ब्लॉग या वेबसाइट के लिए अति आवश्यक है.
वहीं अन्य साधारण टॉपिक जैसे एंटरटेनमेंट, ट्रैवल, आदि पर अगर आपका ब्लॉग है और आपने अच्छी क्वालिटी का कंटेंट पब्लिश किया है तो फिर बिना E-E-A-T के भी आपका ये ब्लॉग रैंक कर सकता है.
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